मेरे ससुर मेरी सास के कहने पर मुझे शारीरिक सुख देते थे. ऐसा 10 साल तक चलता रहा लेकिन कोई दिक्कत नहीं हुई. लेकिन अभी मेरी वासना तृप्त नहीं हुई है.
कल्पना को पता ही नहीं चलता था कि वह कब गहरी नींद में सो जाती थी. अंदर ही अंदर कल्पना जल्दी सोना चाहती थी, लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसों दूर लग रही थी। बंद पलकों से नींद की जगह अतीत की भूली-बिसरी यादें उभर रही थीं। कल्पना एक मध्यम वर्गीय परिवार की इकलौती लड़की…